Motivational book in hindi
सफलता हासिल करने के लिए सही मानसिकता ज़रूरी *व्यवसाय *परवरिश *शिक्षा *संबंध ‘इस पुस्तक का महत्व शिक्षा से भी आगे तक जाता है। यह उन व्यवसायियों के लिए भी प्रासंगिक है, जो प्रतिभा को विकसित करना चाहते हैं और उन अभिभावकों के लिए भी, जो अपने बच्चों को चुनौती के माहौल में बढ़ते हुए देखना चाहते हैं। – बिल गेट्स प्रोफ़ेसर डवेक स्पष्ट करती हैं कि मात्र हमारी योग्यताओं और प्रतिभा से ही हमें सफलता नहीं मिलती है, बल्कि इस बात से मिलती है कि हम अपने लक्ष्यों की और बढ़ते समय सीमित मानसिकता रखते हैं या विकासवादी मानसिकता। सही मानसिकता होने पर हम अपने बच्चों को उनके लक्ष्य पाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, साथ ही स्वयं अपने व्यक्तिगत और पेशेवर लक्ष्यों को भी प्राप्त कर सकते हैं। यह पुस्तक उस तथ्य को उजागर करती है जिसे सभी बेहतरीन अभिभावक, शिक्षक, सीईओ और खिलाड़ी पहले से जानते हैं: मस्तिष्क के बारे में एक सरल विचार से कैसे अधिक सीखा जा सकता है और उस लचीलेपन को कैसे बढ़ाया जा सकता है, जो हर क्षेत्र में उपलब्धि का आधार है। इस पुस्तक में संगठनात्मक मानसिकता पर नई सामग्री शामिल की गई है और यह विकासवादी मानसिकता संबंधी कुछ ग़लत धारणाओं के बारे में चर्चा करती है।
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Mindset – Hindi book
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“माइंडसेट” डॉ. कैरोल एस ड्वेक के द्वारा लिखित एक सफलतम पुस्तक है इसमे लोगों की अलग-अलग मानसिकता के बारे में विस्तार से बताया गया है।
दो तरह की मानसिकताएं होती है- निश्चित मानसिकता और विकासवादी मानसिकता ।
जब आपको यह विश्वास होता है कि आपके गुण पत्थर की लकीर है तो आप निश्चित मानसिकता के तहत काम करते हैं इससे आपको खुद को बार-बार स्मार्ट साबित करने की जरूरत महसूस होती है अगर आपके पास बुद्धि की निश्चित मात्रा है , निश्चित व्यक्तित्व है, और निश्चित नैतिक चरित्र हैं तो आपको इन्हें तथा खुद को श्रेष्ठ साबित करने की जरूरत महसूस होती है
जबकि विकासवादी मानसिकता इस विश्वास पर आधारित है कि आप अपनी कोशिशों अपनी रणनीतियों और दूसरों की सहायता के जरिए अपने बुनियादी गुणों का विकास कर सकते हैं हालांकि लोगों के शुरुआती गुण, योग्यता, रुचि या स्वभाव पूरी तरह अलग हो सकते हैं लेकिन हर व्यक्ति मेहनत और अनुभव के जरिए बदल सकता है तथा विकास कर सकता है।
“कुछ आधुनिक दार्शनिक दावा करते हैं कि इंसान की बुद्धि एक निश्चित संख्या होती है जिसे बढ़ाया नहीं जा सकता हमें इस क्रूर निराशा वाद के खिलाफ प्रतिरोध और प्रतिक्रिया करनी चाहिए अभ्यास प्रशिक्षण और सबसे बढ़कर प्रणाली की मदद से हम अपने ध्यान अपनी स्मृति अपने विवेक को बढ़ा सकते हैं और वास्तव में पहले से ज्यादा बुद्धिमान बन सकते हैं”
इस पुस्तक में उदाहरणों सहित अच्छी प्रकार से समझाया गया है कि निश्चित मानसिकता और विकासवादी मानसिकता किस तरह से काम करती है।
“एक दिन आप बहुत जरूरी विषय की क्लास में जाते हैं वहां प्रोफ़ेसर टेस्ट परिणाम बताते हैं और आपको सी प्लस मिलता है शाम को घर लौटते समय गलत पार्किंग की वजह से आपका चालान कट जाता है परेशान होकर आप अपने अच्छे मित्र को दुखड़ा सुनाना चाहते हैं लेकिन वह भी व्यस्तता की बात बोल कर आपका फोन रख देता है।“
अब ऐसी स्थिति पर दोनों मानसिकता वाले लोगों के विचार जानते हैं-
• निश्चित मानसिकता वाले व्यक्ति – ऐसी स्थिति में — मैं महसूस करूंगा कि मुझे पूरी तरह अस्वीकृत कर दिया गया है, मैं समझूंगा कि मैं पूरी तरह से असफल हूं, मैं मूर्ख हूं , मैं पराजित हूं, मैं अयोग्य और मूर्ख महसूस करूंगा। हर व्यक्ति मुझसे बेहतर है, मैं कचरा हूं ,
दूसरे शब्दों में जो हुआ है उसे वह अपनी अक्षमता और योग्यता का सीधा पैमाना मान रहे हैं
• विकासवादी मानसिकता वाले व्यक्ति– ऐसी स्थिति में वह सोचेंगे कि मुझे क्लास में ज्यादा कड़ी मेहनत करने की जरूरत है, कार ज्यादा सावधानी से पार्क करनी चाहिए और मेरे ख्याल से शायद मेरे मित्र का दिन खराब रहा होगा । सी प्लस से मुझे यह पता चलता है कि मुझे क्लास में बहुत कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
कहने का अर्थ है कि विकासवादी मानसिकता वाले व्यक्ति हर परिस्थिति को सकारात्मक रूप में स्वीकार करते हैं।
आपकी मानसिकता कौन सी है बुद्धि संबंधी इन सवालों के जवाब दे हर कथन को पढ़े और निर्णय लें कि आप इससे सहमत हैं या असहमत।
1. आपकी बुद्धि आपके बारे में एक बहुत बुनियादी चीज है जिसे आप बहुत ज्यादा नहीं बदल सकते।
2. आप नई चीजें तो सीख सकते हैं, लेकिन आप दरअसल इस तथ्य को नहीं बदल सकते कि आप कितने बुद्धिमान हैं।
3. चाहे आपमें कितनी भी ज्यादा बुद्धि हो, लेकिन आप हमेशा इसे काफी कुछ बदल सकते हैं।
4. आप जितनी बुद्धिमान हैं,उसे आप हमेशा महत्त्वपूर्ण रूप से बदल सकते हैं।
प्रश्न 1 और 2 निश्चित मानसिकता वाले प्रश्न है। प्रश्न 3 और 4 विकासवादी मानसिकता वाले प्रश्न है। आप किस मानसिकता के साथ ज्यादा सहमत हुए थे? हो सकता है कि यह मिश्रण हो, लेकिन ज्यादातर लोगों का झुकाव किसी एक या दूसरी मानसिकता की तरफ होता है।
दूसरी योग्यताओं के बारे में भी आपके विश्वास होते हैं। आप बुद्धि के बदले में कलात्मक प्रतिभा, खेल योग्यता, व्यवसाय योग्यता भी रख सकते हैं ऐसा करके देखें। यह सिर्फ आपकी योग्यता के बारे में ही नहीं यह आपकी व्यक्ति के गुणों के बारे में भी है। व्यक्तित्व और चरित्र संबंधी तत्वों को देखें और निर्णय लें कि आप इनमें से प्रत्येक से ज्यादातर सहमत होते हैं या असहमत।
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