हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। इसे हिंदी भाषा के महत्व को उजागर करने और राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से मनाया जाता है।
हिंदी दिवस के बारे में प्रमुख तथ्य: इस प्रकार से है ।
14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया था। इसे यादगार बनाने के लिए 1953 से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है
।वर्ष 1918 में हुए एक “हिंदी साहित्य सम्मेलन” में गांधीजी के द्वारा हिंदी को “राजभाषा” बनाने पर जोर दिया गया और इसे “जनमानस”की भाषा के रुप मे परिभाषित किया गया था ।
हिंदी विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार इसे आधिकारिक भाषा के रूप में स्थान मिला।
हिंदी दिवस का उद्देश्य लोगों को हिंदी भाषा के महत्व से अवगत कराना और इसे सरकारी कामकाज, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में प्रोत्साहित करना है।हिंदी दिवस पर भारत सरकार और कई शैक्षिक संस्थानों में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की प्रतियोगिताए जैसे निबन्ध लेखन, वाद विवाद, संघोष्टीयां, कविताए,कहानियां, रैलियां आदि के माध्यम से छात्र छात्राओं और समाज में हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ायी जाती है।
इसके अलावा हिन्दी के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए कई प्रकार के पुरस्कार जैसे “राजभाषा गौरव पुरस्कार,राजभाषा कीर्ति पुरस्कार आदि दिए जाते हैं जिसमें एक “भाषा सम्मान” भी है जो प्रति वर्ष ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जिसने लोगों में हिंदी भाषा के प्रयोग और उत्थान के लिए विशेष प्रयास किया है इस सम्मान में एक लाख एक हज़ार रुपए की राशि प्रदान की जाती है।
हालांकि हिंदी राजभाषा है, लेकिन संविधान के तहत भारत में 22 भाषाओं को मान्यता दी गई है और अंग्रेजी भी व्यापक रूप से आधिकारिक कार्यों में इस्तेमाल होती है।
बोलने वालों की संख्या के अनुसार अंग्रेजी और चीनी भाषा के बाद हिन्दी भाषा पूरे दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी भाषा हैं।हिंदी दिवस “भाषा और संस्कृति” के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक अवसर है और इस दिवस को व्यापक तौर पर मनाने का मुख्य उद्देश्य हिंदी के विकास और विस्तार को सुनिश्चित करना है।
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