समरसता दिवस का परिचय ( samarasata diwas ) समरसता दिवस भारत मे सामाजिक समानता और एकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन का उद्देश्य “समाज मे जाति, धर्म और आर्थिक असमानताओ को समाप्त करना और सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर प्रदान करना है।” समरसता दिवस का मुख्य संदेश यही है कि समाज में सभी को समान दृष्टि से देखा जाए और किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त किया जाए। समरसता दिवस का ऐतिहासिक महत्व ( Historical importance of samarasata diwas ) समरसता दिवस मनाने की प्रेरणा भारत रत्न डॉ.
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सरदार वल्लभ भाई पटेल
सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म और प्रारंभिक जीवन सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था। उनका जन्म एक साधारण, परंतु संस्कारित और राष्ट्रप्रेमी किसान परिवार में हुआ। पिता झावेरभाई पटेल एक सशक्त स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने 1857 के विद्रोह में भाग लिया था, जबकि मां लाड़बाई धार्मिक और सादगीपूर्ण जीवन जीने वाली महिला थीं। वल्लभ भाई का जीवन बचपन से ही कठिनाइयों से भरा हुआ था, लेकिन इन चुनौतियों ने उन्हें कभी पीछे नहीं हटने दिया। उनका बचपन बहुत साधारण था। गांव की धूल भरी पगडंडियों पर खेलते हुए, खेती
जवाहर लाल नेहरू
पंडित जवाहरलाल नेहरू का पारिवारिक जीवन बेहद भावुक और समृद्ध था, जो उनकी संघर्षशीलता और संवेदनशीलता को और भी गहराई से उजागर करता है। नेहरू जी का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद के एक सम्पन्न और प्रतिष्ठित परिवार में हुआ। उनके पिता, पंडित मोतीलाल नेहरू, एक प्रख्यात वकील और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अग्रणी नेता थे। मोतीलाल नेहरू ने अंग्रेजी शासन के विरुद्ध देश की स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन समर्पित किया, और उन्होंने अपने बेटे जवाहरलाल में भी यही देशभक्ति की भावना जगाई। नेहरू जी की माता, स्वरूपरानी नेहरू, एक धार्मिक और पारंपरिक भारतीय महिला थीं। वे अपने
lal bahadur shastri
परिचय लाल बहादुर शास्त्री, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और भारत के दूसरे प्रधानमंत्री, अपने सरल जीवन और दृढ़ संकल्प के लिए आज भी हर भारतीय के दिल में एक विशेष स्थान रखते हैं। उनकी सादगी, ईमानदारी और नेतृत्व ने उन्हें भारत के सबसे प्यारे नेताओं में से एक बना दिया। आइए, हम उनके जीवन की प्रमुख घटनाओं, संघर्षों और उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं। प्रारंभिक जीवन: संघर्ष, सादगी और प्रेरणा की कहानी लाल बहादुर शास्त्री का प्रारंभिक जीवन साधारण होने के बावजूद अत्यंत प्रेरणादायक है। उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को उत्तर प्रदेश के छोटे से
Mahatma Gandhi
परिचय महात्मा गांधी, जिन्हें प्यार से बापू कहा जाता है, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे। उनका जीवन सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित था, और वे एक साधारण जीवन जीने वाले असाधारण व्यक्ति थे। इस लेख में हम महात्मा गांधी के जीवन के विभिन्न पहलुओं, उनके संघर्षों, और उनकी प्रेरणादायक कहानियों पर ध्यान देंगे, जो आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। 1 महात्मा गांधी का प्रारंभिक जीवन महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनके पिता, करमचंद गांधी, पोरबंदर के
सुभाष चंद्र बोस की जीवनी
देश की आजादी मैं एक महत्वपूर्ण योगदान देने वाले असाधारण नेतृत्व कौशल के धनी, क्रांतिकारी विचारक नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 में कटक, उड़ीसा के एक धनाद्य परिवार में हुआ इनके पिता जानकीनाथ बोस एक सफल वकील थे और माता का नाम प्रभावती देवी था उनकी पत्नी का नाम एमिली और बच्चे का नाम अनीता बोस था इनका जन्म हुआ 1897 में और यह 1902 में पहली बार स्कूल गए 1902 से लेकर 1912 तक इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा कटक के एक मिशनरी स्कूल प्रोटेस्टेंट यूरोपियन से कंप्लीट की। इस स्कूल से ही उन्होंने ब्रिटिश और
स्वामी विवेकानंद swami vivekanand
जीवन परिचय सार जन्म – 12 जनवरी 1863 जन्म स्थान – कोलकाता पिता – विश्व नाथ दत्त ( पेशे से प्रसिद्ध वकील) माता – भुवनेश्वरी देवी ( धार्मिक विचारों की महिला) गुरु – रामकृष्ण परमहंस बचपन का नाम – नरेंद्र दत्त भाषा – अंग्रेजी और फारसी पर अच्छी पकड़ रुचि – किताबे पढ़ने का शोक निधन – 4 जुलाई 1902 परिचय – स्वामी विवेकानंद एक ऐसी शख्सियत थी जिन्होंने महज अपने 39 वर्ष के जीवन में अद्वितीय पहचान बनाई । इनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर [Ravindranath Tagore]
देश की एक ऐसी शख्सियत जो एक कवि, उपन्यासकार, नाटककार , चित्रकार और दार्शनिक थे । एशिया के ऐसे प्रथम व्यक्ति थे, जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और उनके द्वारा लिखें गए गीत आज भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रगान है ऐसे व्यक्तित्व को गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के नाम से जाना जाता है । इनका जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ था वह अपने माता पिता की तेहरवी संतान थे पिता का नाम देवेंद्र नाथ टैगोर और उनकी माता का नाम शारदा देवी था 1883 में उनका विवाह मृणालिनी देवी से हुआ था। शिक्षा – टैगोर
Ambedkar jayanti
परिचय – भारत निर्माता , सविधान निर्माता , भारत रत्न डॉ बाबा साहेब अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था इसलिए 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है। इनका पूरा नाम अपनी माँ भीमा , पिता रामजी और अपने ब्रामण अध्यापक का दिया अम्बेडकर नाम से “ डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर “ पूर्ण होता है। इनका जन्म महू [मध्यप्रदेश ] में हुआ था इनके पिता ब्रिटिश आर्मी में सूबेदार के रूप में कार्य करते थे अम्बेडकर जी के दो शादियां हुई थी पहली रामा बाई [1906 – 1935 ] के साथ और फिर इनकी
छत्रपति शिवाजी – chhatrapati shivaji
भारत के सबसे बहादुर और बुद्धिमान सम्राटों में से एक गिने जाने वाले योद्धा । जो न तो दिल्ली की गद्दी के आगे झुका और नहीं अंग्रेजों के सामने । ऐसे वीर सपूत भारतीय गणराज्य के महानायक छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को मराठा परिवार में हुआ था इसी कारण हर 19 फरवरी को उनकी जयंती मनाई जाती है। आपको बता दें, कि शिवाजी महाराज का नाम शिवाजी भोसले था लेकिन जब उन्हें मराठा साम्राज्य का ताज बनाया गया जिसके बाद से वह छत्रपति कहलाने लगे । शिवाजी महाराज की जयंती मुख्य रूप से महाराष्ट्र में बड़ी