बाबा सिद्दीकी, जो एक पूर्व महाराष्ट्र मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता थे, की 12 अक्टूबर 2024 को मुंबई के बांद्रा इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना उस समय हुई जब सिद्दीकी अपने बेटे और महाराष्ट्र के विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के पास दशहरा के अवसर पर पटाखे जला रहे थे। तीन हमलावरों ने अचानक हमला कर दिया और 9.9 मिमी की पिस्तौल से गोलीबारी की, जिससे बाबा सिद्दीकी को पेट और छाती में गंभीर चोटें आईं। उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वह बच नहीं सके। इस घटना के बाद दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया, जबकि तीसरा आरोपी अभी भी फरार है। हमले के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग की संभावित संलिप्तता की जांच की जा रही है। इस दुखद घटना के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है और जांच चल रही है।हमलावरा न अचानक हमला कर दिया आर 9.9 मिमी की पिस्तौल से गोलीबारी की, जिससे बाबा सिद्दीकी को पेट और छाती में गंभीर चोटें आईं। उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वह बच नहीं सके। इस घटना के बाद दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया, जबकि तीसरा आरोपी अभी भी फरार है। हमले के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग की संभावित संलिप्तता की जांच की जा रही है। इस दुखद घटना के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है और जांच चल रही है। बाबा सिद्दीकी का राजनीतिक करियर बहुत प्रभावशाली था, जिसमें उन्होंने बांद्रा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक के रूप में सेवा दी थी। उनकी हत्या ने महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी: जीवन परिचय, घटनाएँ और उपलब्धियाँ
परिचय
बाबा सिद्दीकी, महाराष्ट्र की राजनीति में एक जाना-पहचाना नाम हैं। उनका सफर राजनीति के शीर्ष पर पहुंचने तक का रहा, जिसमें उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया और महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं। वह न सिर्फ एक राजनेता थे बल्कि आम जनता के दिलों में अपनी जगह बनाने वाले समाजसेवी भी रहे। इस लेख में हम उनके जीवन, संघर्ष और उनके साथ हुई प्रमुख घटनाओं के बारे में जानेंगे, जो उनकी जिंदगी और करियर को प्रभावित करती हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
बाबा सिद्दीकी का जन्म मुंबई के एक साधारण मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा मुंबई के प्रतिष्ठित संस्थानों में हुई, जहाँ से उन्होंने राजनीति विज्ञान में डिग्री प्राप्त की। शिक्षा के दौरान ही उनका रुझान राजनीति की ओर बढ़ा और समाज सेवा का भाव उनके दिल में पनपने लगा। अपने युवावस्था के दिनों में ही उन्होंने समाजसेवा के कई कार्यों में भाग लेना शुरू किया था, जो आगे चलकर उनके राजनीतिक करियर का आधार बना।
राजनीति में प्रवेश
बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस पार्टी से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। उनकी विनम्र और मिलनसार छवि ने जल्द ही उन्हें पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक बना दिया। वे बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक चुने गए। उनकी राजनीति का मूल उद्देश्य था—सामाजिक न्याय और विकास। उनके काम ने उन्हें लोगों के बीच लोकप्रियता दिलाई, खासकर मुंबई के मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के बीच।
मंत्री पद और कार्यकाल
सिद्दीकी को महाराष्ट्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम करने का मौका मिला। वह राज्य के राजस्व और आवास मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इस पद पर रहते हुए उन्होंने गरीबों और जरूरतमंदों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया। उनकी सोच थी कि हर व्यक्ति को उसका हक मिलना चाहिए और उन्होंने इस दिशा में कई कदम उठाए।
विवाद और उनके साथ हुई प्रमुख घटनाएँ
हालांकि, बाबा सिद्दीकी का राजनीतिक सफर विवादों से भी अछूता नहीं रहा। उनके नाम पर कई बार आरोप लगे और उनके विरोधियों ने उन्हें घेरने की कोशिश की। इनमें से कुछ आरोप वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े थे, लेकिन कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हो पाया।साल 2023 में, उनके साथ एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरे महाराष्ट्र की राजनीति को झकझोर कर रख दिया। उनके ऊपर हमला किया गया, जिसके कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना ने न केवल उनके परिवार, बल्कि उनके समर्थकों को भी सदमे में डाल दिया। इस हमले के पीछे के कारणों को लेकर कई अटकलें लगाई गईं, लेकिन बाबा सिद्दीकी ने इसे एक साजिश करार दिया।
उनकी मानवीय छवि और सामाजिक कार्य
राजनीति में अपने योगदान के अलावा, बाबा सिद्दीकी की पहचान एक परोपकारी व्यक्ति के रूप में भी रही। उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा समाज सेवा के लिए समर्पित किया। उनके द्वारा चलाई गई कई योजनाएँ गरीबों, विधवाओं और अनाथ बच्चों की मदद के लिए थीं। वह शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी सक्रिय रहे और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज के हर वर्ग को इन बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए।
बाबा सिद्दीकी और इफ्तार पार्टियाँ
बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टियाँ एक और वजह से चर्चा में रही हैं। यह इफ्तार पार्टियाँ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं थीं, बल्कि विभिन्न राजनीतिक दलों, फिल्मी हस्तियों और उद्योगपतियों के लिए आपसी मेलजोल का एक मंच बन गई थीं। सलमान खान और शाहरुख खान जैसे बड़े सितारों के बीच सुलह कराने के लिए भी उनकी इफ्तार पार्टी खासा चर्चित रही। यह उनकी मिलनसार और सुलहप्रिय छवि को दर्शाता है, जिससे लोग उनके प्रति और भी आकर्षित होते थे।
उनकी उपलब्धियाँ
- राजनीति में योगदान: तीन बार विधायक बनने के साथ-साथ उन्होंने राजस्व और आवास मंत्री के रूप में उल्लेखनीय कार्य किए।
- सामाजिक कार्य: गरीबों और जरूरतमंदों के लिए योजनाएँ चलाने और उन्हें राहत पहुंचाने का उनका प्रयास सराहनीय रहा।
- शांति के लिए प्रयास: उन्होंने मुंबई में साम्प्रदायिक सौहार्द बढ़ाने के लिए कई पहल कीं और इफ्तार पार्टियों का आयोजन कर सामाजिक एकता को मजबूत किया।
- स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार: बाबा सिद्दीकी ने मुंबई में कई क्लीनिक और स्कूलों के निर्माण में सहयोग किया, ताकि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को बेहतर सुविधाएँ मिल सकें।
चुनौतियाँ और संघर्ष
हालांकि, बाबा सिद्दीकी का राजनीतिक सफर संघर्ष से भरा रहा। उन्होंने कई बार अपनी पार्टी के भीतर और बाहर से चुनौतियों का सामना किया। विरोधियों ने उन पर कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, लेकिन उन्होंने हर बार खुद को बेदाग साबित किया। उनके साथ हुई हमले की घटना ने उनके समर्थकों और परिवार के लिए दुखद स्थिति उत्पन्न की, लेकिन उन्होंने इसे भी साहसपूर्वक झेला।
निजी जीवन
बाबा सिद्दीकी का निजी जीवन सरल और सादगी भरा रहा। उनकी पत्नी और बच्चों के साथ उनका खासा जुड़ाव था, और वे हमेशा अपने परिवार के साथ समय बिताने की कोशिश करते थे। उनके बेटे जीशान सिद्दीकी भी राजनीति में सक्रिय हैं और अपने पिता की तरह समाज सेवा में विश्वास रखते हैं।
निष्कर्ष
बाबा सिद्दीकी का जीवन प्रेरणा का स्रोत है, खासकर उनके द्वारा उठाए गए सामाजिक कार्य और उनके संघर्षों से सीख मिलती है। राजनीति में उच्च पदों पर रहते हुए भी उन्होंने हमेशा आम जनता के हितों को प्राथमिकता दी। चाहे इफ्तार पार्टियों के माध्यम से सामाजिक सौहार्द की बात हो या गरीबों के लिए योजनाओं की बात, उन्होंने हमेशा अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन किया।
बाबा सिद्दीकी से संबंधित प्रश्न
- बाबा सिद्दीकी कौन हैं? बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और तीन बार विधायक रह चुके हैं। वे अपने सामाजिक कार्यों और राजनीति में योगदान के लिए जाने जाते हैं।
- बाबा सिद्दीकी के साथ क्या हुआ? 2023 में बाबा सिद्दीकी पर हमला हुआ था, जिसके बाद वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी थी।
- बाबा सिद्दीकी की प्रमुख उपलब्धियाँ क्या हैं? उन्होंने राजस्व और आवास मंत्री के रूप में गरीबों के लिए कई योजनाएँ चलाईं, और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा दिया।
- बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टियाँ क्यों प्रसिद्ध हैं? उनकी इफ्तार पार्टियाँ विभिन्न राजनीतिक और फिल्मी हस्तियों के मेलजोल का प्रमुख मंच बन चुकी थीं, जिससे साम्प्रदायिक सौहार्द भी बढ़ा।