परिचय – भारत निर्माता , सविधान निर्माता , भारत रत्न डॉ बाबा साहेब अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था इसलिए 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है। इनका पूरा नाम अपनी माँ भीमा , पिता रामजी और अपने ब्रामण अध्यापक का दिया अम्बेडकर नाम से “ डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर “ पूर्ण होता है। इनका जन्म महू [मध्यप्रदेश ] में हुआ था इनके पिता ब्रिटिश आर्मी में सूबेदार के रूप में कार्य करते थे अम्बेडकर जी के दो शादियां हुई थी पहली रामा बाई [1906 – 1935 ] के साथ और फिर इनकी मृत्यु के पश्चात सविता अम्बेडकर [ ब्रामण ] के साथ हुई
सर्वप्रथम इस जयंती को 14 अप्रैल 1928 पुणे में अंबेडकर के अनुयायी “जनार्दन सदाशिव रणपिसे” द्वारा प्रारंभ किया गया तब से 14 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है।
भीमराव अंबेडकर का जीवन संघर्षमय रहा । उनका भारत की आजादी के बाद देश के संविधान निर्माण में बहुत बड़ा योगदान रहा।
वे एक राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, दार्शनिक, मानवविज्ञानी और समाज सुधारक थे।
उन्होंने हमेशा दलित समुदाय को जागृत करने का प्रयास किया और उनके अधिकारों को दिलाने के लिए संघर्ष किया।
बाबा साहेब को अपने कार्यों के लिए 1990 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है।
अंबेडकर जयंती को भारत में समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
शिक्षा – बाबा साहेब की प्राथमिक शिक्षा एक ऐसे माहोल में हुई जहा दलितों को सवर्णो के साथ बैठकर पढ़ने नहीं दिया जाता था इन्हे कमरे में एक तरफ निचे बिठाया जाता था विद्यालय में पानी भी चपरासी के द्वारा हाथो में उड़ेल कर पिलाया जाता था ऐसी परिस्थितियों के बावजूद इन्होने अपने आप को बखूबी साबित किया।
इनके द्वारा बैचलर ऑफ़ आर्ट्स की डिग्री यूनिवर्सिटी ऑफ़ मुंबई से कोलंबिया यूनिवर्सिटी से ऍम ए ,पीएचडी , लन्दन स्कूल से इकोनॉमी से MSC और DSC -[ बाबासाहेब को 1923 में अपने एक शोध के लिए लंदन यूनिवर्सिटी ने डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि प्रदान की। ] तथा GRAY’S INN कॉलेज से बेरिस्टर लॉ की पढ़ाई की। ऐसा माना जाता है की इनके पास कुल 32 डिग्रियां थी
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर, एक ऐसी शख्सियत जिनके जीवन में संघर्ष, समर्पण, और समाज के लिए प्रेम की अद्वितीय कहानी बसी है।
उनका जन्म हुआ एक आदिवासी परिवार में, जिसने समाज की तबाही से जूझना सिखाया। अम्बेडकर की बचपन की यादें, उनकी माँ के जागरूक सपने और पिता की मेहनत ने उन्हें समाज की समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनाया।
बचपन में उन्होंने देखा कि उनकी जाति के लोगों को समाज में न्याय नहीं मिल रहा है। इस असहनीय अन्याय ने उनमें एक आग जला दी, जो उन्हें अधिकार, समानता, और न्याय की लड़ाई में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
अपने जीवन में, उन्होंने संघर्षों का सामना किया, जिसमें उन्हें न्याय के लिए लड़ना पड़ा, उन्हें जातिवाद के खिलाफ उठना पड़ा, और समाज में सामाजिक बदलाव लाने के लिए काम करना पड़ा। उनका समर्पण, उनकी मेहनत, और उनका विश्वास नहीं सिर्फ उन्हें अपने लक्ष्यों तक पहुंचाया, बल्कि उन्होंने एक पूरे आदिवासी समुदाय को भी साथ लिया।
बाबासाहेब अम्बेडकर की बातें सुनकर दिल भर आता है। उनका संघर्ष, उनका आत्मबल, और उनका समर्पण हर किसी को प्रेरित करता है कि हमें भी समाज में सुधार लाने के लिए उनकी तरह प्रयासरत रहना चाहिए। उनकी बायोग्राफी एक प्रेरणास्त्रोत है, जो हमें यह याद दिलाती है कि संघर्ष और समर्पण के साथ ही हम समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
जन्म परिचय सार रूप में —
जन्म – 14 अप्रैल 1891
स्थान – महू गांव ( मध्यप्रदेश)
पिता का नाम – रामजी मालोजी सकपाल
माता का नाम – भीमा बाई
जाती – महार जाति
गुरु – ब्राम्हण कृष्ण केशव अम्बेडकर
निधन – 6 दिसम्बर 1956 { डायबिटीज बीमारी बढ़ने के कारण }
अंबेडकर साहब ने अपने जीवन में जातिगत भेदभाव और समानता का सामना किया इसी कारण जीवन भर दलित समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे।
अपने राजनीतिक जीवन में भी संविधान समिति के अध्यक्ष रहे आजादी के बाद कानून मंत्री का दायित्व वहन किया दो बार राज्यसभा सांसद निर्वाचित हुए।
प्रश्नोत्तरी के माध्यम से जाने —
1. विश्व की सबसे बड़ी जयंती किसकी है?
विश्व की सबसे बड़ी जयंती भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है
2.भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि कब मनाई जाती है?
भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि हरवर्ष 14 अप्रैल को मनाई जाती है।
3.इंडिया में सबसे ज्यादा मूर्ति है किसकी है?
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर साहब की मूर्ति इंडिया में सबसे ज्यादा है।
4.14 अप्रैल 1891 को कौन सा दिन था?
14 अप्रैल 1891 दिन को दलितों के मसीहा माने जाने वाले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म हुआ था।
5. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने संविधान कब लिखा?
भारत की स्वतंत्रता पश्चात नया संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए 29 अगस्त 1947 को एक ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन हुआ जिसमें 7 सदस्य थे और कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को बनाया गया।
6. ज्ञान दिवस कब मनाया जाता है?
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती को ज्ञान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
7. भारत के संविधान का पिता कौन है?
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भारत के संविधान का पिता माना जाता है।
8. संविधान के असली लेखक कौन थे?
संविधान की मूल कॉपी को जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी भाषा में लिखा है उनका नाम प्रेम बिहारी था
डॉ भीमराव अंबेडकर के अनमोल विचार —
powerful ambedkar quotes
- जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है।
- अपने भाग्य के बजाय अपनी मजबूती पर विश्वास करो।
- जीवन लंबा नहीं बल्कि महान होना चाहिए।
- शिक्षा जितनी पुरुषों के लिए आवश्यक इतनी महिलाओं के लिए भी आवश्यक है।
- भाग्य में नहीं अपनी शक्ति में विश्वास करो।
- बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का महत्वपूर्ण लक्ष्य होना चाहिए।
- चलते रहना ही जीवन है ठहरा हुआ आदमी जिंदा नहीं कहलाता ।
- “यदि हम समाज में बदलाव चाहते हैं, तो हमें खुद में परिवर्तन लाना होगा, क्योंकि समाज का परिवर्तन खुद से ही शुरू होता है।”
- “शिक्षा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मनुष्य को स्वतंत्रता का मार्ग दिखाती है और उसे सोचने की क्षमता प्रदान करती है।”
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