26 january anchoring script

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             26 जनवरी गणतंत्र दिवस व वार्षिक उत्सव  स्क्रिप्ट   

 

 आज क्या गणतंत्र दिवस                                                                         बच्चे बूढ़े सभी जवान, कहते हैं गणतंत्र महान  

सारे जहा से अच्छा हिंदुस्तान हमारा                                                 

    है मेरा  गणतंत्र विशेष   हरता है जन-जन का क्लेश                                   जन जन के मन का बन प्याराअमर रहे गणतन्त्र    हमारा.                        वन्दे मातरम / भारत माता की जय                                  इन्कलाब  जिन्दाबाद  

       

वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभ 

निर्विघ्नम कुरु मे देव: सर्वकार्येशू सर्वदा 

आदिपूज्यम गनाध्यक्षम उमा पुत्रम विनायकम 

मंगलम परमम रूपम श्री गणेशम नमाम्याह्म 

सरस्वती के चरणों में नमन करते हुए मैं अपनी वाणी को प्रारंभ करता हूं। 

देश हमारी आन है देश हमारी शान है। 

आन आन पर शान शान पर मर मिटते जवान है। 

आज के इस आजादी के दिन देते इन्हे सम्मान है। 

तीन रंग का ध्वज लहराकर करते इन्हें प्रणाम है। 2 

 …..  भारत माता की जय …… 

आज बड़े ही हर्ष का विषय है कि हमारे विद्यालय में आज गणतंत्र दिवस समारोह और विद्यालय वार्षिक उत्सव दोनो को एक साथ सम्मिलित रूप से मनाया जा रहा है । 

देश के इस ऐतिहासिक महोत्सव को पूरे देश में हर वर्ष बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है क्योंकि 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ और हमें पूर्ण प्रभुता संपन्न गणतंत्र होने का गौरव प्राप्त हुआ ।  

आज हम 26 जनवरी 2024 को 75  वा गणतंत्र दिवस मना रहे हैं और आज ही के दिन इस समय पूरे देश में एक साथ ध्वजारोहण किया जाता है  

तीन रंग का ध्वज है अपना, झुकने की ना ठानी। 

याद दिलाता आजादी के, वीरों की कुर्बानी -2  

 ध्वजारोहण करने के लिए मैं आग्रह करता हूं हमारे प्रधानाध्यापक जी से कि वे आए और ध्वजारोहण कार्यक्रम को सम्पन्न करें । 

राष्ट्रगान के लिए आमंत्रित करता हूं प्रतिभागी आरती  ,पदमा , कोमल और योगिता   ,को वे मंच पर आए। और प्रांगण में उपस्थित सभी बच्चे और ग्रामवासी अपने  स्थान पर खड़े हो जाएंगे। 

     ………….राष्ट्रगान……… 

    सभी एक साथ एक आवाज में बोलेंगे (भारत माता की जय) 

 

ध्वजारोहण  कार्यक्रम के संपन्न होने के पश्चात कुछ जानकारी वार्षिक उत्सव से संबंधित प्राप्त कर लेते हैं 

जहा विद्यालय के वार्षिक उत्सव का नाम आता है वहां कार्यक्रम में विशेष फीचर्स एड कर दिए जाते हैं 

हमारे इस कार्यक्रम में क्या क्या नए फीचर्स एड किए गए हैं उसका विवरण आपको बता देते हैं  

1 गांव में छिपी हुई वे प्रतिभाएं जिन्हे मंच ना मिलने के कारण प्रतिभाएं दबी रह जाती है उनके लिए अवसर प्रदान करना । 

2 गांव के बालक बालिकाएं  जिन्होंने सरकारी नौकरी प्राप्त करके गांव का नाम रोशन किया है उन्हें विद्यालय की तरफ से सम्मानित करना । 

3 अभी वर्तमान में अध्ययनरत हमारे बच्चों ने से कुछ बच्चों को सम्मानित करना । 

4 विद्यालय के विकास के लिए  योगदान  वाले  भामाशाह को सम्मानित करना । 

5 गांव के लोगों का विद्यालय के साथ जुड़ाव बना रहे और विद्यालय के विकास के लिए हमेशा जागरूक रहें 

इन सभी उद्द्येश्यो को लेकर आज का यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है 

सरस्वती वंदना  

प्यारे बच्चों ! कहते हैं कि मनुष्य के मन में 1 दिन में 60000 विचार उत्पन्न होते हैं जिसमें 70 परसेंट विचार नेगेटिव होते हैं नकारात्मक होते हैं । हमारी शास्त्रीय भाषा में नकारात्मकता को ही अंधकार माना गया है । जिसे केवल सकारात्मकता की ओजस, विनम्रता की दिव्यता से एवं प्रेम के उजाले से ही दूर भगाना संभव है  

इसलिए किसी भी उत्सव का आयोजन के पहले वातावरण की कलुषता तथा हमारे अंदर की नकारात्मकता को दूर भगाने के लिए हम दिव्य ज्योति का प्रज्वलन करते हैं   

तू विद्या की देवी है और तू ही कला की दाता है। 

तू संगीत से झोली भर दे तू ही सबकी माता है । 

जो भी तेरे दर पर आए– 2 ज्ञान का धन हो पाता है। 

 

 तो आइए हम विद्यादायिनी , कलादायिनी, संगीत पूर्णा मां सरस्वती को कोटि-कोटि नमन करते हुए उसके चित्र फलक के समक्ष दिव्य ज्योति को प्रज्ज्वलित करते हैं। 

इस मंगलमय  शुभ अवसर का माध्यम बनने के लिए आग्रह करूंगा हमारे प्रधाना ध्यापक जी से वह आए और देवी के मंदिर में धूप बत्ती करते हुए कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत करें। 

तेरी चित्र फलक पर माता, हम सब शीश नवाते हैं ।  

तिलक लगाकर दीप जलाकर प्यारे फूल चढ़ाते हैं। 

ज्ञान धन प्रदान करने वाली उस देवी के समक्ष स्तुतिमय नृत्य प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित करता हूं क्लास 8 की छात्रा कोमल मीणा को । वे आए और वंदना नृत्य प्रस्तुत करें। 

…………….. वंदना नृत्य ……….. 

माँ शारदे के इस वंदना नृत्य से वातावरण की कलुषित आ पूर्णतया दूर होती प्रतीत हो रही है और चारों तरफ भक्ति माई मंगलमय प्रकाश फैल चुका है । 

स्वागत सत्कार  

इसी बीच हम हमारी भारतीय संस्कृति का अनुसरण करते हुए पधारे हुए अतिथि गणों का सम्मान करेंगे । 

प्यारे छात्रों ! इस सृष्टि में एकमात्र मनुष्य ही विधाता के द्वारा बनाई गई सर्वश्रेष्ठ कृति है मनुष्य अपने ज्ञान और विवेक का प्रयोग करते हुए एक दूसरे के साथ मिलजुल करके रहता है एक दूसरे की सहायता करता है इसी से एक सभ्य समाज का निर्माण होता है समाज की प्रकृति व उत्थान के लिए कुछ प्रतिनिधि से होते हैं जो समाज की अच्छाई बुराई के प्रति जागरूक रहते हैं और समाज को अग्रिम दिशा प्रदान करते हैं 

…………………… 

…………………. 

…………………. 

अतिथियों के सम्मान में स्वागत नृत्य के लिए मैं आमंत्रित करता हूं क्लास 8th की छात्रा  आरती प्रजापत को वे आए और अपना स्वागत नृत्य प्रस्तुत करें 

           ……..               स्वागत नृत्य … 

सांस्कृतिक कार्यक्रम

अतिथियों के स्वागत सम्मान के बाद हम प्रोग्राम को गति देते हुए हैं हमारे विद्यालय के छात्र छात्राओं के द्वारा तैयार सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को प्रारंभ करते हैं 

शिक्षा देती है संस्कार हमें, और अपने बच्चों पर हम नाज करते हैं। 

प्रतिभाओं को और प्रतिभाशाली बनाने के लिए खुशियों से भरी इस महफिल का आगाज करते हैं। 

  1. मानवी , मोनिका और दीपिका  (

    दिल है छोटा सा और छोटी सी आशा)  सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत में सर्वप्रथम आमंत्रित करता हूं हमारे विद्यालय की छात्राएं मानवी मोनिका और दीपिका को वह मंच पर उपस्थित होकर अपना नृत्य प्रस्तुत करें ।  

दिल है छोटा सा छोटी सी आशा 

मस्ती भरे मन की भोली सी आशा  

बालिकाओं के द्वारा अपने छोटे छोटे दिल से छोटी छोटी आशाओं को अपने सुंदर हाव भाव के द्वारा बहुत ही सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया गया। 

2   रिंकू और रशिका – छोटी बालिकाओं में भी देशभक्ति का जज्बा होता है और क्यों ना हो ? आखिर हम इस देश के निवासी है। हर बच्चे में देशभक्ति का जज्बा होना चाहिए । हमारी विद्यालय की छात्राओं में भी देशभक्ति का जज्बा कम नहीं है एक सॉन्ग है “ऐसा देश है मेरा “इस पर नृत्य करने के लिए मैं आमंत्रित कर रहा हूं रिंकू और रसिका । वे मंच पर आए और प्रस्तुति प्रस्तुत करे 

दीपक एंड पार्टी – अब जब बालिकाओं ने अपनी देशभक्ति का परचम लहरा दिया है तो भई बालक क्यों पीछे रहेंगे ? मैं आवाज दे रहा हूं दीपक एंड पार्टी को । वे मंच पर आएं और अपना देशभक्ति का परचम इंडियन इंडियन से लहराए । दीपक एंड पार्टी 

अंजली और शिवानी –हमारे देश के बारे में एक लाइन बोली जाती है कि “ विभिन्नता में एकता” अथार्थ यहां पर भिन्न भिन्न जातियां,  भिन्न-भिन्न रहन-सहन, अलग अलग खानपान, भिन्न-भिन्न तोर तोर तरिके, भिन्न-भिन्न परंपराएं है लेकिन फिर भी यहां पर एकता का भाव प्रदर्शित किया जाता है सब अपनी अपनी संस्कृति को अपने हिसाब से सजोकर रखते है हमें भी अपनी संस्कृति का ख्याल रखना चाहिए राजस्थानी संस्कृति को दिशा देता हुआ एक सांग “ मिश्री सु मीठी बाता थारी मन है प्रेम को झरनो सा” इस पर नृत्य करने के लिए मैं आमंत्रित कर रहा हूं अंजलि और शिवानी को वह आए  और अपना नृत्य प्रस्तुत करें। 

साहिल पांचाल साहिल पांचाल क्लास सेवंथ का छात्र है “ माई तेरी चुनरिया लहराए” इस प्यारे से सॉन्ग पर नृत्य करना चाहता है वह मंच पर आए और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करें ।  

विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए पुरस्कार 

 साथियों ! हमारे विद्यालय  में वर्ष भर  कई तरह की गतिविधियां करवाई जाती है उन्हे समय समय पर मोटिवेट किया जाता है  गतिविधियों के माध्यम से उन बच्चों का सर्वांगीण विकास करने का प्रयास किया जाता है जब जब भी हम अपने बच्चों को अच्छे कार्य के प्रोहत्सान देते है तब तब वे और ज्यादा अच्छे कार्यों कि और अग्रसर होते हैं 

इसी बात को ध्यान मे रखते हुए विद्यालय के द्वारा पांच पुरुस्कार क्रिएट किए गए हैं उसका में अनाउंस्मेट कर देता हु 

 ( लिस्ट मे नाम है) 

……..… 

  1. ईशिका सेन व दिव्या योगी – अब पअगला जो परफॉर्मेंस है वह है। ईशिका सेन और दिव्या योगी का “छोटा बच्चा समझ के हमसे ना टकराना रे” इस सॉन्ग पर इशिका सेन अपना नृत्य प्रस्तुत करें।

 

  1. आनन्द और रोहित –

बच्चे बच्चे किसी से कम नहीं है जितने वह माहिर है उतने हम नहीं है। 

बन जाए यदि वो जीवन मे काबिल तो फिर हमे किसी का गम नहीं है । 

यह पंक्तियां उन माता पिता के लिए जो अपने बच्चों को काबिल इंसान बनाने के लिए हर तरह का प्रयास करते हैं 

अगले नृत्य के लिए में आवाज़ दे रहा हूं आनन्द और रोहित को वो अपने सॉन्ग “नन्हा मुन्ना राही हु देश का सिपाही हु पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करे। 

8 . भावना प्रजापत –  अगले नृत्य के लिए में आमंत्रित कर रहा हूं कक्षा सिक्स की छात्रा भावना प्रजापत को । “लहरा दो लहरा दो सरकसी का परचम लहरा दो” इस देश भक्ति सॉन्ग पर वे आए और अपना नृत्य प्रस्तुत करे। 

9   गोलमा मीणा व योगिता सेन –  हमारे बच्चों में प्रतिभाएं कूट कूट कर भरी हुई है बस उन्हें पहचानना आना चाहिए। हर बच्चे में अलग अलग प्रतिभाएं होती है और उन प्रतिभाओं को सामने लाने का प्रयास करना चाहिए 

ऐसी ही प्रतिभाओ को में बुलाना चाहूंगा गोलमा मीणा और योगिता सेन को वे आए और “आयो राजस्थान” पर अपना नृत्य प्रस्तुत करे।  

10. आरती प्रजापपत – अब एक ओर शानदार ग्रुप डांस जो बालिकाओं के द्वारा किया जा रहा है आरती एंड पार्टी। वे मंच पर आए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन प्रस्तुत करे। (छल्ला)

 

राजकीय सेवा व लिमिटेड कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए सम्मान 

जैसा कि मैंने शुरू में ही बताया था कि आज के इस गणतंत्र दिवस को वार्षिक उत्सव व भामाशाह सम्मान समारोह के रूप में मनाया जा रहा है साथियों ! हम सभी अपने बच्चों को शिक्षा व संस्कार दिलाने का भरपूर प्रयास करते हैं और उनके लिए यही कामना करते हैं कि वे अपने जीवन में अच्छा मुकाम हासिल करें। इसके लिए हम हमेशा उन्हें प्रेरित करते रहते हैं 

 और इसी विचार को ध्यान में रखते हुए हमारे विद्यालय द्वारा गांव की उन प्रतिभाशाली व्यक्तियो को सम्मानित किया जाना है जो राजकिय सेवा या लिमिटेड कंपनीयो में कार्यरत है । 

                      …….(सभी कर्मचारियों के नाम)……. 

जिस प्रकार गांव इन लोगों ने मेहनत और संघर्ष के बल पर अपने कैरियर को अच्छा मुकाम दिया है उसी प्रकार सभी बच्चों को भी इन से प्रेरणा लेते हुए अपने कैरियर बनाने का प्रयास करना चाहिए । 

 

 विद्यालय में योगदान देने वाले भामाशाह का सम्मान 

साथियों अपने गांव की विद्यालय का विकास और पतन दोनों खुद अपने ऊपर निर्भर करता है चाहे तो हम विद्यालय के विकास में योगदान करते हुए अपने बच्चों का भविष्य संवार सकते हैं या विद्यालय की संपत्ति को नुकसान पहुंचा कर पतन की ओर धकेल सकते हैं l गांव में एक तरफ ऐसे बच्चे भी है जो विद्यालय के लिए हर समय समर्पित है दूसरी तरफ ऐसी भी है जो विद्यालय को नुकसान पहुंचाते हैं माना कि जिसके पास पैसे हैं वह बच्चों को बाहर की स्कूलों में पढ़ाकर के शिक्षा दिलवा सकते हैं लेकिन वहीं शिक्षा यदि हमें यही गांव में मिल जाती है वह भी निशुल्क तो क्या बुराई है। 

हो सकता है अपने गांव के सरकारी विद्यालयों में बहुत से संसाधनों की कमी हो सकती है लेकिन हम सब मिलकर उन्हें दूर भी कर सकते हैं बस चाहिए तो हमारे अंदर की इच्छाशक्ति 

यहां पर मैं कुछ लोगों के नाम बताऊंगा जिन्होंने अपनी इच्छाशक्ति को प्रबल करती हुई विद्यालय के विकास में अपना योगदान दिया 

        ( ………..लिस्ट मे नाम……….) 

 

प्रधानाध्यापक जी के द्वारा अपना संबोधन और कार्यक्रम के समापन की घोषणा  

 

Manch Sanchalan Screept वार्षिकोत्सव कार्यक्रम

26 january republic day

   

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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