1. परिचय शिक्षक, हमारे जीवन के वो मार्गदर्शक हैं जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। अगर माता-पिता हमें जीवन देते हैं तो शिक्षक उस जीवन को जीने का तरीका सिखाते हैं। विद्यालय के बच्चे जब हर साल शिक्षक दिवस मनाते हैं, तो यह दिन उनके लिए सिर्फ एक उत्सव नहीं बल्कि प्रेरणा का अवसर होता है। शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि एक शिक्षक की मेहनत और उनके दिए संस्कार हमारे भविष्य की नींव रखते हैं। यह दिन बच्चों को यह समझने का मौका देता है कि सफलता पाने के लिए सिर्फ किताबें ही नहीं,
Year: 2025
समरसता गीत
समरसता का दीप जलाएं समरसता का दीप जलाएं, प्यार-मुहब्बत साथ बढ़ाएं। जाति-धर्म के भेद मिटाकर, भाईचारे की राह दिखाएं।। आओ मिलकर करें ये वादा, भेदभाव को दूर भगाएं। भीमराव के सपनों का भारत, हर कोने में खुशी सजाएं।। समरसता का दीप जलाएं, प्यार-मुहब्बत साथ बढ़ाएं। समानता की बात करें हम, उन्नति की पहचान बनाएं। दूर करें अज्ञान का अंधेरा, ज्ञान रूप प्रकाश फैलाएं।। समरसता का दीप जलाएं, प्यार-मुहब्बत साथ बढ़ाएं। भेदभाव की दीवार गिराकर, नया सवेरा हम लाएं। सब को पूरा मान मिले, ऐसा सुंदर कल बनाएं।। समरसता का दीप जलाएं, प्यार-मुहब्बत साथ बढ़ाएं। समरसता दिवस ( samarasata diwas
समरसता दिवस
समरसता दिवस का परिचय ( samarasata diwas ) समरसता दिवस भारत मे सामाजिक समानता और एकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन का उद्देश्य “समाज मे जाति, धर्म और आर्थिक असमानताओ को समाप्त करना और सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर प्रदान करना है।” समरसता दिवस का मुख्य संदेश यही है कि समाज में सभी को समान दृष्टि से देखा जाए और किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त किया जाए। समरसता दिवस का ऐतिहासिक महत्व ( Historical importance of samarasata diwas ) समरसता दिवस मनाने की प्रेरणा भारत रत्न डॉ.
संस्कृत श्लोक
“काक चेष्टा, बको ध्यानं, श्वाननिद्रा तथैव च। अल्पहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणम्॥” इसका अर्थ है कि एक विद्यार्थी को कौए की तरह चेष्टाशील, बगुले की तरह ध्यान केंद्रित करने वाला, कुत्ते की तरह अल्प निद्रा लेने वाला, कम खाने वाला और घर के मोह को त्यागने वाला होना चाहिए। काक चेष्टा (कौए की तरह प्रयासशीलता) कौआ बहुत ही सतर्क, बुद्धिमान और परिश्रमी पक्षी होता है। उसकी जिज्ञासा और लगातार प्रयास करने की प्रवृत्ति हमें सिखाती है कि हमें अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निरंतर मेहनत करनी चाहिए। धैर्य और परिश्रम: विद्यार्थी को कभी हार नहीं माननी चाहिए, बल्कि
anchoring script
गणतंत्र दिवस व वार्षिक उत्सव आज क्या है – गणतंत्र दिवस बच्चे बूढ़े सभी जवान, कहते हैं गणतंत्र महान सारे जहा से अच्छा हिंदुस्तान हमारा है मेरा गणतंत्र विशेष हरता है जन-जन का क्लेश जन जन के मन का बन प्यारा, अमर रहे गणतन्त्र हमारा. वन्दे मातरम / भारत माता की जय इन्कलाब जिन्दाबाद Starting of function नमामि ते गजाननं अनन्त मोद दायकम् समस्त विघ्न हारकं समस्त अघ विनाशकम् मुदाकरं सुखाकरं मम प्रिय गणाधिकम् नमामि ते विनायकं हृद कमल निवासिनम्॥१॥