सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म और प्रारंभिक जीवन सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था। उनका जन्म एक साधारण, परंतु संस्कारित और राष्ट्रप्रेमी किसान परिवार में हुआ। पिता झावेरभाई पटेल एक सशक्त स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने 1857 के विद्रोह में भाग लिया था, जबकि मां लाड़बाई धार्मिक और सादगीपूर्ण जीवन जीने वाली महिला थीं। वल्लभ भाई का जीवन बचपन से ही कठिनाइयों से भरा हुआ था, लेकिन इन चुनौतियों ने उन्हें कभी पीछे नहीं हटने दिया। उनका बचपन बहुत साधारण था। गांव की धूल भरी पगडंडियों पर खेलते हुए, खेती
Month: October 2024
rich dad poor dad
जीवन के दो रास्ते कभी-कभी जिंदगी हमें दो रास्तों पर लाकर खड़ा कर देती है—एक वो, जहाँ हम अपने सपनों को देखकर भी अनदेखा कर देते हैं, और दूसरा वो, जहाँ हम अपने डर को मात देकर उन सपनों को साकार करते हैं। रॉबर्ट कियोसाकी की पुस्तक “रिच डैड और पुअर डैड” हमें इन्हीं दो रास्तों की कहानी सुनाती है। यह कहानी है, धन और गरीबी की, संघर्ष और सफलता की, सीमाओं से परे जाकर नए आयामों को छूने की। दो पिता, दो विचारधाराएं रॉबर्ट के जीवन में दो पिता थे—एक ‘पुअर डैड’, उनके जैविक पिता, और एक ‘रिच डैड’,
जवाहर लाल नेहरू
पंडित जवाहरलाल नेहरू का पारिवारिक जीवन बेहद भावुक और समृद्ध था, जो उनकी संघर्षशीलता और संवेदनशीलता को और भी गहराई से उजागर करता है। नेहरू जी का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद के एक सम्पन्न और प्रतिष्ठित परिवार में हुआ। उनके पिता, पंडित मोतीलाल नेहरू, एक प्रख्यात वकील और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अग्रणी नेता थे। मोतीलाल नेहरू ने अंग्रेजी शासन के विरुद्ध देश की स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन समर्पित किया, और उन्होंने अपने बेटे जवाहरलाल में भी यही देशभक्ति की भावना जगाई। नेहरू जी की माता, स्वरूपरानी नेहरू, एक धार्मिक और पारंपरिक भारतीय महिला थीं। वे अपने
करवा चौथ
परिचय: करवाचौथ का महत्व करवाचौथ भारतीय महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे मुख्य रूप से उत्तर भारत में विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और समृद्धि के लिए मनाती हैं। यह त्योहार उनके सच्चे प्रेम और समर्पण का प्रतीक होता है। करवाचौथ का व्रत कठोर होता है, जिसमें महिलाएं सूर्योदय से चंद्रमा के दर्शन तक बिना अन्न और जल ग्रहण किए रहती हैं। करवाचौथ की कहानी वीरवती की कथा: प्रेम और तपस्या की मिसाल वीरवती एक अत्यंत सुंदर और प्रिय राजकुमारी थी। वह अपने सात भाइयों की एकमात्र बहन थी, और
baba siddique
बाबा सिद्दीकी, जो एक पूर्व महाराष्ट्र मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता थे, की 12 अक्टूबर 2024 को मुंबई के बांद्रा इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना उस समय हुई जब सिद्दीकी अपने बेटे और महाराष्ट्र के विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के पास दशहरा के अवसर पर पटाखे जला रहे थे। तीन हमलावरों ने अचानक हमला कर दिया और 9.9 मिमी की पिस्तौल से गोलीबारी की, जिससे बाबा सिद्दीकी को पेट और छाती में गंभीर चोटें आईं। उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वह बच नहीं सके। इस घटना के बाद दो